पतझड़ था, पत्तियां झड़ गयीं थीं शाखों पर सिर्फ कांटे थे टेढ़े,मेढ़े नुकीले नुकीले। पतझड़ था, पत्तियां झड़ गयीं थीं शाखों पर सिर्फ कांटे थे टेढ़े,मेढ़े नुक...
हमारी नज़रों में अब टिमटिमाती हुई उमंगें भी नहीं बस ढलते हुए कुछ वक़्त के सिरे हैं। हमारी नज़रों में अब टिमटिमाती हुई उमंगें भी नहीं बस ढलते हुए कुछ वक़्त के सिरे ...
जुदा कभी होंगे न हम तुम हम रहेंगे सोलमेट। जुदा कभी होंगे न हम तुम हम रहेंगे सोलमेट।
हम दोनों टकराये हम दोनों टकराये
और हम रह जाते हैं यूँ ही बिन कहे। और हम रह जाते हैं यूँ ही बिन कहे।
प्रभु श्री राम व श्री कृष्ण के अतुल्य व्यवहारों को जीवन में अपनाएं। प्रभु श्री राम व श्री कृष्ण के अतुल्य व्यवहारों को जीवन में अपनाएं।